समाज की धर्मशालाएँ यह बताती है कि उस समाज में धर्म को कितना महत्व दिया जाता है जो कि भारत के प्रमुख तीर्थ स्थलों एवम् धार्मिक स्थानों पर रैगर समाज की धर्मशालाएँ मौजूद है । हमारे रैगर समाज द्वारा निर्मित अनेकों धर्मशालाएँ हैं । ताकि जब भी रैगर बन्धु वहां यात्रा व दर्शन करने जाए तो उन्हें किसी प्रकार की ठहरने सम्बंधी समस्याओं का समाना ना करना पड़े । समाज की सभी धर्मशालाएँ सुव्यवस्थित व पूर्ण सुविधा युक्त है जो कि हमारे लिए एक गौरव की बात है । समाज के हजारों बन्धु हर वर्ष धार्मिक स्थानों पर दर्शन लाभ लेने पुरे भारत से तीर्थ स्थानों पर जाते हैं । और वहां पर ठहरते है उनके लिए ये धर्मशालाएँ बनाई गई है ताकि उनको इन महंगी जगहों जहां पर जहां होटलों का किराया बहुत ज्यादा होता है वों खर्च ना करना पड़े इसलिए इन धर्मशालाओं का निर्माण समाज ने पारस्परिक जन सहयोग व चंदे के द्वारा किया गया है । रैगर समाज की सबसे बड़ी धर्मशाला हरिद्वार में खरीदी गई है जो लाखों की सम्पत्ति है । रैगर धर्मशाला रामदेवरा में भी बनावाई गई है । तीर्थराज पुष्कर में रैगर धर्मशाला पहले से ही बनी हुई है । इन प्रसिद्ध धार्मिक स्थानों पर रैगर धर्मशालाओं की समुचित व्यवस्था है । ये धर्मशालएँ हमारे समाज की अनमोल व अमूल्य धरोहर है इनके निर्माण समाज के लाखों करोड़ों रूपये खर्च हुए है । इनको सुरक्षित रखना व व्यवस्थित रखना हमारी जिम्मेदारी है । इनके बारे में समाज के बन्धुओं को जानकारी देना आवश्यक है हमे प्राप्त जानकारियों के आधार पर समाज की प्रमुख धर्मशालाओं का विवरण यहां पर इस वेबसाईट में कर रहे है ।
(साभार- चन्दनमल नवल कृत ‘रैगर जाति : इतिहास एवं संस्कृति’)
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