महासम्मेलन 18, 19 नवम्बर, 1964 को पुष्कर में होना निश्चित किया गया । सम्मेलन से पूर्व कार्यकर्ता श्री आत्मारामजी लक्ष्य छात्रावास रींगस में श्री नवल प्रभाकर की अध्यक्षता में सम्पन्न हुआ । रींगस कार्यकर्ता सम्मेलन में एक स्वागत समिति का चयन निम्नानुसार किया गया-
स्वागताध्यक्ष | श्री सूर्यमल मौर्य |
उपस्वागताध्यक्ष | श्री बाबूलाल पटेल |
श्री हजारी लाल बाकोलिया | |
श्री मोती लाल बाकोलिया | |
स्वागत मंत्री | श्री बिहारी लाल जागृत |
उप स्वागत मंत्री | श्री हरदीनलाल कोमल |
श्री गणेशीलाल | |
श्री रामपाल कराड़िया | |
प्रचार मंत्री | श्री कंवर सैन मौर्य |
प्रकाशन मंत्री | श्री रूपचन्द जलुथरिया |
स्वयं सेवक मंत्री | श्री प्रभुदयाल रातावाल |
कोषाध्यक्ष | श्री शंभुदयाल गाडेगांवलिया |
स्वास्थय मंत्री | श्री माधोदास दयाल |
जलूस मंत्री | श्री चन्द्रपाल सवांसिया |
पण्डाल मंत्री | श्री किशनलाल दौलिया |
इस सम्मेलन का प्रचुर प्रचार किया गया । श्री नवल प्रभाकर संसद सदस्य की अध्यक्षता में सम्मेलन प्रारम्भ हुआ । इस सम्मेलन में समाज में व्याप्त कुरीतियों को दूर करने तथा समाज के सर्वांगीण विकास हेतु उपयोगी प्रस्ताव परित किए गए । पुष्कर सम्मेलन में अखिल भारतीय रैगर महासभा के पदाधिकारियों का चुनाव हुआ जिसमें पदाधिकारी निम्मनानुसार निर्वाचित हुए-
प्रधान | श्री नवल प्रभाकर |
उप प्रधान | चौ. पदमसिंह शक्करवाल |
श्री मोतीलाल बालोटिया | |
महा मंत्री | श्री कंवर सैन मौर्य |
मंत्री | श्री बिहारीलाल जागृत |
उप मंत्री | श्री देवेन्द्रकुमार चान्दोलिया |
श्री कुन्दनलाल मोहनपुरिया | |
कोषाध्यक्ष | श्री बोदूलाल कंवरिया |
इस सम्मेलन में अनेकों समाज सुधारक प्रस्ताव पारित किये गये तथा पिछले महासम्मेलनों में पारित प्रस्तावों को यथासम्भव लागू करने पर विशेष बल दिया गया । बाल विवाह, दहेज विरोधी देश की अखण्डता, समाज के संगठन तथा बालिकाओं की शिक्षा आदि पर जोर दिया गया । इस महासम्मेलन के पश्चात् स्वर्ण हिन्दूओं के अत्याचार छुटपुट होते रहे परन्तु पुष्कर राज में स्नान करने पर रैगर समाज के साथ भेदभाव की भावना को भूलाना इस समाज के लिए मुश्किल है।
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