आत्म विश्वास से लबरेज और मासुमियत सी मुस्कुराहट भरा चेहरा मंजिल दर मंजिल लक्ष्य को साधने की जीवटता लिए चमकती आंखे । छः फुट से निकलता हुआ छरछरा वदन, चौडे सीने और सघे कदम, ये रेम्प पर प्रर्दशन के लिए आये किसी मॉडल का विवरण नहीं बल्कि रैगर समाज के ही एक होनहार और प्रतिभाशाली युवक का परिचय मात्र है । जिसने अपनी लग्न, मेहनत और शौर्य के बल पर न केवल अपने केरियर में नित नई ऊंचाईयो को छुआ, बल्कि रैगर समाज का सर भी गर्व से ऊंचा कर दिया ।
26 मार्च 1984 को टोंक जिले के देवली तहसील के एक छोटे से गांव जलसीना मे जन्मे मेजर इन्दजीत गोढवाल, टोंक जिले में रैगर समाज के प्रथम कमिशन्ड ऑफिसर बने । भारतीय नौ सेना में एवं कस्टम विभाग में अधिकारी रहे स्व0 श्री दुर्गालालजी के यहा जन्में नन्है इन्द्रजीत की किलकारी आज दहाड़ बन चुकी है, जिसे सुनने मात्र से देश के दुश्मनो के छक्के छुट जाते है । माता श्रीमति मधुलता के दूध की ताकत को उन्होनें कभी कमजोर नहीं होने दिया ।
जी हां यहां समाज को बताते हुए अत्यन्त गर्व को रहा है कि समाज के युवा रत्न मेजर इद्रजीत गोढवाल वर्तमान में भारतीय सेना के अन्तर्गत राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड ( NSG BLACK CAT COMMANDO) जैसी उच्चतम रक्षा सेवा में रहते टोंक जिले के पहले BLACK CAT COMMANDO बनने का गौरव रैगर समाज को दिलाया हैं ।
बचपन से ही होशियार इन्द्रजीत तीनों बहनों सुनिता, अनिता, उर्मिला व भाई रणजीत से हर गतिविधि व शिक्षा के क्षैत्र में उज्वल रहे है । जोधपुर जिले के फलोदी शहर में प्राथमिक शिक्षा के बाद मिलिट्री स्कूल अजमेर में चयनित हो कर 1994 से 2001 तक सैन्य एवं शैक्षाणिक गतिविधियों में महारथ हासिल की ।
2001 से 2004 तक जय नारायण व्यास यूनिवर्सिटी से बी कॉम स्नात्तक करने के पश्चात वर्ष 2005-06 में एम कॉम (Economics) में स्वर्ण पदक अर्जित कर पुनः समाज को गौरान्वित किया ।
2006 मे भारतीय सेना में चुने गये एवं ऑफिसर ट्रेनिंग अकादमी ( O.T.A Chennai ) में दिन रात कठिन प्रशिक्षण प्राप्त कर 22 सितम्बर 2007 में लेफ्टनेंट के पद पर माहार रेजिमेन्ट की 9 वीं बटालियन में कमिशन्ड हुए । अपने शैक्षणिक काल में खेल कि गतिविधियो में भी अग्रिम रहते हुए हॉकी, फुटबाल व बॉक्सीग की राष्ट्रीय प्रतिस्पर्धा में धाक जमाई ।
9वीं बटालियन माहार रेजिमेन्ट के इस अफसर की 22 अप्रैल 2014 को कैप्टन से मेजर के पद पर पदोन्नति हुई । इसी दौरान उन्हे बेस्ट ऑफिसर के लिए डी जी कमैन्डेशन (D.G Commendation) भी प्रदान किया गया ।
वन्दनीय है स्वर्गीय श्री दुर्गालाल जी गोढवाल जिन्होने समय की नजाकत को समझते हुए अपने दोनो पुत्र इन्द्रजीत एवं रणजीत गोढवाल (LIC में अधिकारी ) को पढा लिखा कर इस काबिल बनाया कि रैगर समाज उन पर गर्व करें ।
उन्होने न केवल पुत्रों को बल्कि पुत्रियों को भी बराबरी का दर्जा देते हुए उच्च शिक्षा दिलवाई जिनकी बदौलत आज उनकी पुत्रियां भी शिक्षा विभाग में राजकीय सेवा में कार्यरत है ।
मेजर इन्द्रजीत गोढवाल के अब तक के कीर्तिमान में उनकी धर्म पत्नि श्रीमति सोनम वर्मा का भी बहुत बडा सहयोग रहा है एवं कुछ माह पुर्व ही इन्हे पुत्ररत्न की प्राप्ति हुई । हम मेजर इन्द्रजीत गोढवाल एवं उनके परिवार को इन उपलब्घियों पर उन्हें हम हद्वय से ढेरों शुभकामनाएं देते है ।