आज नफरत की हम तोड़ दीवारें । आपस मे सब प्यार करे॥ कभी ना सच से माने हार । ऐसा रैगर सदव्यवहार करे॥ झूठ पर कर मनन विचार । आज ही समाजहित बंद करे पापाचार॥ सभ्य-निर्मल समाज का सपना सलौना । हाथ सभी बढ़ाकर करे साकार॥ होंसला रख ऐसा कुछ कर जाये । रेगर...Read More
शान ‘रेगर’ अभिमान बचाये रखिये । हरदम सामाजिकता बनाये रखिये॥ यूँ तो चमकता है हिमालय मगर । ‘रेगर वीर’ एकता बनाये रखिये ॥ भेदभाव के काँटे जहाँ पलते है । उन पेड़ो को जड़ से मिटाये रखिये॥ सुलग न जाये आग बँटवारे की । बढ़ने से पहले बझाये रखिये॥ अँधियारा चाहे हो जाये कितना...Read More
ऐ वीर रैगर सुन भारत के मूल निवासी । सिन्धु सभ्यता के जनक, संख्या में है बीस । । छल-कपट से लूटा लूटेरों ने तेरा राज सिहासन । कभी दास तो कभी लाचार गुलाम बनाया । तेरे गले में हांडी, कमर पर झाडू बंधवाया । । कब तक ढोयेगा ये गुलामी और लाचारी ।...Read More
आगे बढो रैगर समाज के लोगों अब ये युग हमारा है । आगे बढने के सिवाय अब हमारे पास नहीं कोई चारा है ।। हमे रैगर जाति को उचाईयों तक ले जाना है । रैगर जाति का उजाला सारे जगत मे फेलाना है ।। अब नहीं थकना है अब आगे बढते...Read More
दलितों के नेता, पत्रकार अर स्वतंत्रता सैनानी । जयचन्द मोहिल याद रहेगी, देश हित तेरी कुर्बानी ।। गांधी-नेहरू के भक्त तुने, दलितों का उत्थान किया । मदिरा पान बन्द कराया, और उन्हें सम्मान दिया ।। भारत माता की जय बोल, आंदोलन का बिगुल बजाया । लाठी-डंडे पड़े खूब, पर...Read More
निर्भय वीर सिपाही अविचल, समाज संगठन लहराई । समस्त रैगर जाति के ओर छोर में पावन ज्योति लक्ष्य जगाई ।। रैगर चेतना का था तुमने भरा सभी में अविरल उत्साह । समाज में फैले दुष्चक्रो को दूर किया सह उत्साह ।। तुम ऐसे थे लोह पुरूष, स्वयं कौशल से किया...Read More
समझ रघुवंश मणी रैगर जामनो मुश्किल आवे छ: । कुरूतियों के कारण जामारो विरथ जावे छ: ।। बाल विवाह और रूढिवादी में रूचि दिखावे छ: । दहेजं प्रथा में कमी नहीं, फिर नुकता भावै छ: ।। रूढिवाद में तांडव में क्यों घर लुटावै छ: । खुद...Read More
राजस्थानियों के मुँह, हमने सुनी कहानी थीखूब किया रैगर जाति का उद्धार, वह तो आत्माराम लक्ष्य ने ठानी थीग्राम-ग्राम ले जन जागृति सशाल, जीने का अर्थ समझाया थादेह, देवालय अलख का शुभ भक्ति मार्ग समझाया थाबहुजन, दलित शोषितों को उसने गले लगया थाराजस्थानियों के मुँह, हमने सुनी कहानी थीखूब किया रैगर जाति का उद्धार, वह...Read More
संकलित किये फुल चून-चून कर, आत्माराम लक्ष्य के सपूतों से । माला बनाई है फूल पिरोकर, बेवसाईट रूपी धागे से ।। जिसको पहनेंगे रैगर सपूत, वट वक्ष से फेले भारत में । जिसकी निकली है मजबूत जड़े, राजस्थान की माटी से ।। आओ हम सब मिल कर बनाये, दीपक की माटी का । उजाला...Read More