संगठन गढे चलो सुपंथ पर बढे चलों ।
भला हो जिसमे कोम का वो काम सब करे चलों ।।
युग के साथ मिलकर सब कदम मिलाना सिख लों ।
एकता के स्वर के गीत गुन गुनाना सिख लों ।।
समाज के विकास के रास्ते पर सब साथ चले चलों ।
संगठन गढे चलो सुपंथ पर चढे चलों ।।
भूलकर भी मुख में कभी बैर भाव का नाम ना हों ।
झूठी शान के लिये न वक्त का ये नाश हों ।।
फूट का भरा घड़ा है, फोडकर चले चलो ।
संगठन गढे चलो सुपंथ पर चढे चलों ।।
आ रही है आज चारों ओर से यही पुकार ।
हम करेंगे त्याग जाति के लिये अपार ।।
कष्ट जो मिलेंगे मुस्करा के सब सहेंगे हम ।
देश जाति के लिये जियेंगे और मरेंगे हम ।।
देश जाति का ही भाग्य, अपना भाग्य है ये सोच लो ।
संगठन गढे चलो सुपंथ पर चढे चलों ।।
भला हो जिसमें कोम का वो काम सब किये चलो………..