19 अप्रेल 2014 झालावाड़ – श्री रैगर समाज द्वारा बाबा रामदेव जी महाराज की 12 दोज कार्यक्रम पर शनिवार को झालावाड़ शहर में शौभा या़त्रा निकाली गई । शौभा यात्रा में समाज की महिलाऍ एवं पुरूष बाबा रामदेव जी महाराज के भजनों की धुन पर नाचते गाते चल रहे थे । बाबा के भजनों में सभी झुमते गाते म्हानें घोडल्यों मंगवा दे म्हारी मॉ………………., रामापीर……..आदि भजनों की धुन सुनाई दे रही थी। शौभायात्रा में रैगर समाज के पूरी हाडौती झालावाड़,बॉरा,कोटा,बून्दी एवं मध्यप्रदेश की महिलाए एवं पुरूषों ने भाग लिया था । शौभायात्रा में आगे डीजे की गाडी चल रही थी जिसमे पुरूष भजनों पर नाचते गाते चल रहे थें । महिलाओं के लिए अलग से बैण्ड बाजे की व्यवस्था थी । शौभायात्रा में एक हाथी, पॉच घोडे, तीन सौ महिलाये कलश सिर पर रख कर चल रही थी । इस यात्रा को झालावाड़ शहर में जिसने भी देखा वह दंग रह गया कि इतनी बडी शौभायात्रा किसी समाज की अभी तक नही निकली होगी जबकि रैगर समाज की यह दूसरी शौभायात्रा थी । शौभायात्रा रैगर मौहल्ला धनवाडा से प्रारम्भ होकर बसेडा मोहल्ला, मोटर गैराज, बडा बजार, गढ दरवाजा, मंगलपुरा, सुनारो की बगीची, निर्भय सर्किल, बस स्टेण्ड, सुभाष कॉलोनी, डिप्टी जी के मन्दिर के सामने होते हुए मोटर गैराज से रैगर मोहल्ला धनवाडा़ पहुची । शौभायात्रा का जगह-जगह सभी सामाजिक संगठनों द्वारा स्वागत किया गया ।
सबसे मंहगा था हाथी : हाथी पर बाबा रामदेव जी की तस्वीर लेकर बैठने की बौली श्री खेमचन्द उर्फ शैतान पुत्र श्री मुलचन्द गुसाईवाल नाकेदार द्वारा 40,000 रूपये की लगाई गई व हाथी पर प्रथम चॅवर की बोली महाराज हरीराम गिरी जी हरीगढ ; रैगर महासभा के जिलाध्यक्ष श्री विष्णुदयाल रैगर के पिताद्ध द्वारा बौली 29,000 रूपये की एवं द्वितीय चॅवर की बौली श्री बद्रीलाल तोणगरिया पटवारी द्वारा 28,000 रूपये लगाई थी ।
हाथी पर अजब थी जोडी : हाथी पर बैठने वाले तीनो सदस्य जीजा साले थे। महाराज हरिराम गिरी जी के दोनों सगे साले थे इसलिए यह भी शौभायात्रा में चर्चा का विषय बना रहा ।
पॉच घोडे भी थे शामिल : शौभायात्रा में पॉच घोडे चल रहे थे जिसमें आगे का घोडा बाबा रामदेव जी महाराज का था जो बाबा की गादी लेकर खाली चल रहा था। अन्य चार घोडो पर प्रथम श्री राकेश कुमार तोणगरिया, द्वितीय घोडे पर श्री बृजमोहन सुन्दरपुरिया,तृतीय घोडे पर श्री उग्रसेन उगरिया, चतुर्थ पर श्री दिनेश कुमार द्वारा लगाई गई । सभी गुडसवारो के हाथ में ध्वज लगे हुए थे ।
जागरण- शौभायात्रा से पूर्व संध्या पर शुक्रवार को जागरण का कार्यक्रम रखा गया था जिसमें समाज के सभी संतो को आमंत्रित किया गया था। जागरण में समाज के सभी संत व भक्तो ने भाग लिया था। समाज के नवयुवक कलाकारों ने अपनी प्रतिभा के साथ भजनों का गायन किया और बाबा के भजनो से सभी श्रोताओं को पूरी रात्रि बाधें रखा । श्रद्धालुओं को पता भी नही चल पाया की रात्रि कब पूरी हो गई। जागरण में गायक कलाकारो की संख्या बहुसंख्यक होने के कारण सभी को एक-एक भजन गाने का ही मौका मिल सका। जागरण समाप्त होने के बाद कार्यकर्ताओ की ओर से संतो का चादर एवं भेंट देकर सम्मान किया गया। कार्यक्रम आचार्य श्री ननकदास जी महाराज के सानिध्य में हुआ। भजन संध्या का संचालन राजू बसनोदिया ने किया
हवन में दी आहुती : कार्यक्रम में तीन हवन की व्यवस्था रखी गई जिसमे बडे हवन कुण्ड में श्री गोपालाल तगाया मेम्बर साहब द्वारा 15,000 देकर आहुति दी गई व छोटे कलश की बौली लालचन्द तगाया एवं रामदयाल तगाया की रही ।
बौलियो की रही भरमार : हाथी-समाज के लोगो ने बौलियों में बडी उत्सुकता से भाग लिया जिसमें हाथी पर बाबा की तस्वीर लेकर बैठने की बौली श्री खेमचन्द उर्फ शैतान पुत्र श्री मुलचन्द नाकेदार गुसाईवाल द्वारा चालीस हजार रूपये लगाई गई। हाथी पर बैठकर चॅवर लेने की प्रथम बौली श्री महाराज हरिराम गिरी हरीगढ वालो की उनतीस हजार रूपये रही एवं द्वितीय चॅवर की बौली श्री बद्रीलाल तोणगरिया पटवारी की 28,000 रही ।
घोडे- शौभायात्रा में पॉच घोडे शामिल थे जिसमें एक घोडा बाबा का था बाकी चार घोडे की बौली प्रथम घोडे की बौली पर प्रथम श्री राकेश कुमार तोणगरिया द्वारा नौ हजार, द्वितीय घोडे पर श्री बृजमोहन सुन्दरपुरियाआठ हजार पॉच सौ,तृतीय घोडे पर श्री उग्रसेन उगरिया सात हजार पॉच सौ, चतुर्थ पर श्री दिनेश कुमार द्वारा सात हजार लगाई गई । सभी गुडसवारो के हाथ में ध्वज लगे हुए थे ।
लाडा की मॉ-लाडा की मॉ की बौली श्रीमती कमला देवी तोणगरिया द्वारा ईक्कीस हजार रही जो पूरे कार्यक्रम में पूजा की थाली हाथ में लेकर चल रही थी ।
लाडा की बहिन- लाडा की बहिन की बौली सत्रह हजार श्रीमती अमरी बाई द्वारा लगाई गई ।
हवन : बडे हवन कुण्ड की बौली श्री गोपाललाल तगाया द्वारा पन्द्रह हजार रूपये रही ।
कलश : बडे कलश की बौली श्री लालचन्द तगाया की इकतालीस सौ रूपये व छोटे कलश की बौली श्री रामदयाल तगाया द्वारा छब्बीस सौ रूपय रही।
इनका रहा सहयोग : कार्यक्रम की शुरूआत में एक वर्ष पहले से साठ सदस्यों द्वारा हर महीने की प्रत्येक दोज पर बाबा का जागरण किया जा रहा था। बारह दोज पूर्ण होने पर पुर्णाहुति का कार्यक्रम किया गया । जिसमें कार्यक्रम
अध्यक्ष राजूलाल सुन्दरपुरिया,
उपाध्यक्ष बद्रीलाल तोणगरिया व विष्णुदयाल शेर,
सचिव गिरिराज तोणगरिया व लालचन्द बडारिया,
कोषाध्यक्ष बृजमोहन सुन्दरपुरिया मुलचन्द गुसाईवाल, अमरलाल बडारिया,
संगठनमंत्री रामलाल भरण्डिया,गोपाललाल तगाया,जानकीलाल ओवरिया, भेरूलाल बसनोदिया, कन्हैयालाल गौलिया,
प्रचारमंत्री पप्पूलाल चॉदोलिया, रामनाथ भरण्डिया, रामकिशन उगरिया,
सांस्कृतिक मंत्री रामदयाल तगाया, बद्रीलाल ओवरिया,
कोटवाल मोहनलाल बसनोदिया,
व्यवस्थापक-रामलाल बसनोदिया, भीमराज बडारिया, रामेश्वर बडारिया, गोपाललाल बडारिया, दानमल बडारिया, कमलेश कुमार सुन्दरपुरिया, रामचरण बडारिया, बद्रीलाल तोणगरिया अध्यापक, पूरीलाल बहेरवाल, पूरीलाल तोणगरिया, लालचन्द तगाया, रामचन्द्र तगाया, राजूलाल तगाया, शिवशंकर बसनोदिया, विक्की बसनोदिया, केसरीलाल बसनोदिया, छीतरलाल गुनसारिया, मोडुलाल गुनसारिया, रामकल्याण भरण्डिया, सुरजमल भरण्डिया, पॉचूलाल भरण्डिया, गोपाललाल उगरिया, चतुर्भज बासीवाल, गोपाललाल बासीवाल, हीरालाल बासीवाल, धनराल कॅवरिया, राजेन्द्र कुमार ओवरिया, बंजरग लाल ओवरिया, नन्दकिशोर देवतीवाल, रामगोपाल शहदवाल, जगदीश डुगंरपुरिया, पॉचूलाल सुन्दरपुरिया, रोडुलाल सिसोदिया, मदनलाल अटावदिया, सूरजमल ओवरिया, छोटुलाल छोमिया, दुलीचन्द कडगेलिया, हीरालाल औलण्डिया, रामनाथ डुगंरपुरिया, लालचन्द बडारिया, पप्पूलाल सुवालिया आदि थे ।
कार्यक्रम में पधारे गये अतिथियों को कार्यक्रम अध्यक्ष राजूलाल सुन्दरपुरिया ने धन्यवाद दिया और अखिल भारतीय रैगर महासभा की ओर से महासभा के जिलाध्यक्ष विष्णुदयाल रैगर ने आभार व्यक्त किया ।