रैगर समाज में बच्चों और युवाओं में गजब प्रतिभा है। ज्ञान, विज्ञान, इंजीनियरींग, शिक्षा, उद्योग, सरकारी नौकरियों, राजनीति आदि सभी क्षेत्रों में रैगर प्रतिभाओं को आजादी से पहले अपनी प्रतिभा के प्रदर्शन का अवसर नहीं मिला था, मगर अब राष्ट्र, प्रान्त एवं क्षेत्रीय स्तर पर कीर्तिमान स्थापित कर रहे हैं । दिल्ली निवासी श्री अशोक कुमार तौणगरिया के हौसलों की उड़ान ने रैगर समाज का नाम रोशन किया है । श्री तौणगरिया भारतीय विमान पतन प्रधिकरण में महाप्रबंधक वित के पद पर पदोन्नत हुए है । इन्हे वेस्टर्न रीजन की जिम्मेदारी सौंपी गई है जिसमें महाराष्ट्र, गुजरात, गोवा तथा मध्यप्रदेश आते है । यह पद वितीय प्रमुख का होने के कारण लगभग 20 हवाई अड्डों की वितीय जिम्मेदारी निभानी होती है । श्री तौणगरिया ने एम.कॉम., एम.बी.ए.(वित), आई.सी.डब्ल्यू.ए., पी.जी.डी.एफ.एम.(वित) की डिग्रीयें हासिल की है ।
जिनके मन में कुछ कर गुजरने की तमन्ना होती है वे स्वर्णीम इतिहास रच देते है । श्री चेतन प्रकाश जाटोलिया पुत्र श्री रामदीन जाटोलिया निवासी बर जिला पाली (राजस्थान) ने अपनी प्रतिभा के बल पर ऐसा ही कर दिखाया है । आपने बी.टेक.(ऐरोनोटिकल), बी.टेक.(ऐरोस्पेस), एम.बी.ए.(ऐविएशन फिल्ड) प्रथम श्रेणी में उत्तीर्ण किए । अब आप एन.ए.एल.(नेशनल एवीएशन लैब) भारत सरकार, बैंगलोर में सवैज्ञानिक (प्रोजेक्ट इंजीनियर) के पद पर चयनित हुए है । जयपुर जिले के गांव माजीपुरा के रहने वाले डॉ. किशन लाल रैगर पुत्र श्री प्रभुदयाल दोतानिया देश के किसी विश्व विद्यालय में किसी भी विषय में प्रोफेसर के पद पर पदोन्नत होने वाले रैगर समाज के पहले व्यक्ति है । आप जयनारायण व्यास विश्व विद्यालय जोधपुर में हिन्दी विभाग के अध्यक्ष भी हैं दलित विमर्श पर इनके दर्जनों शोध पत्र पत्रिकाओं में प्रकाशित हो चुके है ओर इनके अधीन कई शेधार्थी शोध कर रहे हैं ।
कहते है मेहनत कभी व्यर्थ नहीं जाती है । अपनी कठोर मेहनत और लगन के बल पर छात्रा दीक्षा बौद्ध पुत्री श्री पी.एम.बौद्ध उर्फ पारसमल नवल मूल निवासी सतलाना जिला जोधपुर हाल जयपुर ने आई.सी.एस.ई की परीक्षा में कक्षा 12 वीं में 92 प्रतिशत अंक प्राप्त कर जयपुर जिले में प्रथम स्थान प्राप्त किया है । ऐसे प्रतिभावान बच्चे परिवार और समाज का गौरव बढ़ाते है । अब दीक्षा बौद्ध ने लेडी श्रीराम कॉलेज में दाखिला लिया है इस कॉलेज में दाखिला लेना मुश्किल होता है । ये कुछ उदाहरण है । रैगर समाज में एकसी अनेको प्रतिभाएं है जो उभर कर सामने आ रही है । ये प्रतिभाऍं रैगर समाज का भविष्य है ।
गरीब एवं ग्रामीण परिवेश की प्रतिभाएं –
कुछ वर्षों पहले तक शिक्षा और प्रतियोगी परीक्षाओं में महानगरों बडे शहरों के रैगर समाज के सम्पन्न परिवार के मेघावी छात्र-छात्राएं चयनित होते थे । अब यह क्रम उलट गया है । आज ज्यादातर रैगर प्रतिभाएं कस्बों और ग्रामीण परिवारों से निकल कर आगे आ रही है । यह उन लोगों के लिए करारा जवाब है जो अनुसूचित जाति के आरक्षण का विरोध करते हुए कहते है कि इस वर्ग के सम्पन्न लोग ही आरक्षण का लाभ उठा रहे हैं ।
प्रतिभा सम्मान समारोह –
रैगर समाज के प्रतिभावान छात्र छात्राओं की पहचान कर उन्हे सम्मानित करना, पुरूस्कार तथा छात्रवृत्ति देना रैगर समाज की जागरूकता को दर्शाती है । प्रतिभावान छात्र-छात्राओं का सम्मान करके उनके हौसलों को बढाना अच्छी परम्परा है । रैगर धर्मशाला, हरिद्वार के तत्वाधान में ‘रैगर शिक्षा ज्योति योजना’ के अन्तर्गत रैगर समाज के कक्षा 12 वी में उत्तीर्ण मेघावी छात्र-छात्राओं का सम्मान समारोह 5 दिसम्बर, 2010 में 12 वी कक्षा में अधिक अंक प्राप्त करने वाले शिखर के ऐसे 25 प्रतिभावान छात्रों को जिनके परिवार की वार्षिक आय दो लाख या इससे कम हो, उन्हे उच्च शिक्षा हेतु प्रत्येक को 10 हजार रूपये आर्थिक सहयोग तथा प्रमाण-पत्र देकर सम्मानित किया गया । इस आयोजन की एक विशेष बात यह भी थी कि दिल्ली से बाहर के सम्मानित होने के लिए छात्र-छात्राओं तथा उनके एक अभिभावक को आने-जाने का साधारण श्रेणी का भाडा भी आयोजकों द्वारा दिया गया । अखिल भारतीय स्तर पर पहली बार इतना भव्य प्रतिभा सम्मान समारोह आयोजित किया गया जिसमें हजारों रैगरों ने भाग ले कर बच्चों का हौसला बढ़ाया ।
इसी तरह राजस्थान मे 14 नवम्बर 2010 को खाटु श्यामजी में आयोजित, 26 जनवरी को गांधीधाम में, 12 जून 2011 को बान्दनवाडा तथा श्री त्रिवेणी मंदिर में राजस्थान रैगर विकास समिति सांईवाड शहपुरा जिला जयपुर के तत्वाधान में 14 अप्रेल 2011 को प्रतिभा सम्मान समारोह आयोजित किए गए 17 जुलाई को जटिया (रैगर) विकास समिति, भीनमाल जिला जालोर द्वारा शानदार प्रतिभा सम्मान समारोह आयोजित किया गया । अखिल भारतीय रैगर महासभा के अधिकांश कार्यक्रमों में रैगर समाज के प्रतिभावान छात्रों को सम्मानित किया जाता है । इसके अलावा रैगर समाज की अनेक संस्थाएं तथा संगठन इस पर परम्परा को आगे बढ़ा रहे है । ऐसे सभी रैगर बन्धु प्रशंसा तथा बधाई के पात्र है । बच्चे पढने में रूची ले तथा कडी मेहनत करे । मां-बाप अच्छी शिक्षण संस्थाओं में बच्चो को दाखिला करवाएं एंव पढ़ाई सम्बंधी आवश्यक सुविधाएं उपलब्ध करवाएं । समाज मेघावी छात्रों को छात्रावास की सुविधा, छात्रवृति, पुरस्कार तथा प्रशंसा पत्र देकर प्रोत्साहित करे । प्रतिभाएं समाज की धरोहर है । इन्हे संभालने तथा संवारने की जिम्मेदारी हम सबकी है ।
लेखक : चन्दनमल नवल, जौधपुर