अहमदाबाद में स्वतन्त्रता दिवस पर जय शिवशक्ति मण्डल रैगर गु्रफ द्वारा श्री गंगा मन्दिर ठक्कर बापा नगर में 15 अगस्त का ध्वजारोहण मुख्य अतिथि ज्ञानचन्द रैगर पूर्व डॉरेक्टर ऑफ जनरल पुलिस गुजरात सरकार ने किया तद्पश्चात राष्ट्रीय गान प्रस्तुत किया गया । समारोह को सम्बोधित करते हुए मुख्य अतिथि श्री ज्ञानचन्द रैगर ने कहा कि मनुष्य जीवन में शिक्षा बहुत बड़ा महत्व है शिक्षा से मनुष्य सारा ज्ञान प्राप्त कर सकता है । गुजरात में रैगर समाज में शिक्षा के क्षेत्र में बहुत ही पिछड़ा हुआ हैं हमें अपने बच्चों को शिक्षा जरुर दिलानी है । शिक्षा प्रति बच्चों को सम्मानीत कर उनके मन में शिक्षा के प्रति ज्योति जलाकर जय शिवशक्ति रैगर ग्रुफ बहुत ही सराहनीय कार्य कर रही जो समाज के लिए बहुत ही उपयोगी है ।
समारोह में पधारे विशिष्ठ अतिथि समाज सेवी गोपीलाल कुर्डिया ने भी सभी रैगर बन्धुओ से अपनी बच्चों को शिक्षा दिलाने का आव्हान किया तथा हर संभव सहयोग करने का आश्वासन दिया । कक्षा प्रथम से लेकर 12 तक पांच विद्यार्थी जिन्होने 90 प्रतिशत अधिक अंक प्राप्त किये उन्हे समारोह के मुख्य अतिथि ने स्मृति चिन्ह देकर सम्मानीत किया तथा शेष सभी विधार्थियों को विशिष्ठ अतिथियों के द्वारा मेडल प्रदान किये गये । समारोह की जानकारी देते हुए मण्डल के अध्यक्ष दशरथ भट्ट ने बताया हमारे मण्डल द्वारा प्रति वर्ष समाज के सभी विद्यार्थी को अध्ययन हेतु रजिस्टर निःशुल्क दिये जाते हैं । यह कार्यक्रम हम प्रतिवर्ष अहमदाबाद में शिक्षा के प्रति प्रोत्साह एव उनका हौंसला बढाने के लिए किया जाता है । इस अवसर पर विश्व स्तर की एक प्रदर्शनी कान्तीभाई प्रजापत द्वारा लगाई गई जिसमें करीब दो सौ देश की क्रेंची व सोने चान्दी के सिक्के भारत सरकार द्वारा जारी सभी नोटों की प्रदर्शनी देखने लायक थी । कार्यक्रम में पधारे हुए सभी अतिथियों ने प्रदर्शनी बहुत ही सराहना की तथा कान्तीभाई प्रजापत को स्मृति भेंट कर माल्यार्पण उनका मुख्य अतिथि ज्ञानचन्द रैगर ने स्वागत किया गया ।
कार्यक्रम पधारे वाले अतिथियों में समाज सेवी गोपीलाल कुर्डिया, एम. डी. बांशीवाल, प्रकाश चौहान इंकमटेक्स आफिसर, श्रीनारायण देवतवाल, जगननाथ चौरोटिया सेवा निवृत पुलिस इंपेक्टर, रैगर ज्योति के प्रधान सम्पादक गोविन्द जाटोलिया, कालूराम धोलपुरिया इंडियन एयरलाईन्स, रमेश मौर्य आदि का मण्डल की और से माल्यार्पण का स्वागत किया गया । कार्यक्रम का संचालन प्रकाश चौहान ने किया । तथा कार्यक्रम को सफल बनाने में सक्रिय भूमिका नन्दलाल चौहान, हरीश बांशीवाल, भंवरलाल सिंगाड़िया, हीरालाल सबलानीय आदि की रही ।